बात पे बात निकली
तो बात याद आगयी
बीते हुए लमहों की
बरसात दिल पे छा गयी
खुश होते थे एक चॉकलेट से
झगड़ा रेहता दो मिनटों का
रोना कुछ पल की बाते
हँसना था हर पल का
छोटे छोटे सपनो से
दिल रिझाया करते थे
कुछ दोस्तों के साथ
हर पल बिताया करते थे
जरूरते चंद थी
फिकरे थी मामूली सी
जिंदगी बोझ न थी
सपनो की आज़ादी थी
फिर वही मोड़ पे
यादो की दुनिया आ गयी
बात पे बात निकली
तो बात याद आगयी
बीते हुए लमहों की
बरसात दिल पे छा गयी