Hindi Poems

इरादे

तनहाई की चादर पे
उम्मीदों की बुनाई…
सांज सवेरे आते जाते
यादे ढेर सी आई…
सपनो को आँखों मे मूंद
मैंने उनसे कह डाला
कुछ भी हो ना छोडूंगी
इरादों की कलाई!…

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